Placeholder canvas

मिलिए 9 साल में 600 सांपों की ज़िंदगी बचाने वाले सोनू दलाल से!

sonudalal

सोनू सांपों को न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी मानते हैं बल्कि उनसे इंसानों को होने वाले फायदे भी गिनवाते हैं।

सांप एक ऐसा जीव है जिससे दुनियाभर में ज्यादातर लोग नफरत करते हैं, डरते हैं और दिख जाने पर उनको मार देना ही एकमात्र विकल्प मानकर उनकी जान ले लेते हैं। सांपों के बारे में फैले झूठ और अंधविश्वास की वजह से उन्हें इस तरह की क्रूरताओं का सामना करना पड़ता है। अक्सर बारिश के मौसम में या कई बार गलती से सांप हमारे घरों में आ जाते हैं, तो हम सीधे उन्हें मारने दौड़ते हैं। आम लोगों की समझ के अनुसार ऐसा करना सही है, क्योंकि सांप जहरीले होते हैं, इसलिए उन्हें मार देना चाहिए।

लेकिन सांपों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे सोनू दलाल का कहना है कि सांप से लोगों को डर लगता है, कई सांप जहरीले भी होते हैं, मगर फिर भी सांपों को नहीं मारना चाहिए। सोनू हरियाणा के झज्जर जिले के मांडोठी गाँव के रहने वाले हैं। वह पिछले 9 साल से सांपों को बचाने का काम कर रहे हैं और अब तक करीब 600 सांपों का रेस्क्यू कर उनकी जिंदगी बचा चुके हैं।

sonu dalal snake man
सोनू दलाल।

सोनू सांपों को न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी मानते हैं बल्कि उनसे इंसानों को होने वाले फायदे भी गिनवाते हैं। सोनू का कहना है कि सब जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां 70% प्रतिशत लोग आज भी खेती व पशुपालन से जुड़े हुए हैं। अगर हम सभी सांपों को मार देंगे तो फिर खेतों में पाए जाने वाले चूहों को खाएगा कौन? चूहे हमारी फसलों को खा जाते हैं। उनकी तादात ज्यादा न बढ़े इसलिए प्रकृति ने सांपों को बनाया है। सांप हमारे खेतों में पाए जाने वाले चूहों का शिकार करते हैं, वह चूहों के बिल में घुसकर उनका शिकार करने में सक्षम होते हैं, जिसके कारण हमारी फसलें सुरक्षित रहती हैं और हम खाने के लिए अन्न, पशुओं के लिए चारा और पहनने के कपड़ों के लिए कपास जैसी फसलें उगा पाते हैं। इसलिए भी सांपों का संरक्षण बहुत जरूरी है।

सोनू बताते हैं, “सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहूंगा कि हर सांप जहरीला नहीं होता, सिर्फ कुछ सांप ही जहरीले होते हैं और वे भी इंसानों को डसने के लिए नहीं बने हैं। भारत में पाए जाने वाले सांपों में से 80% सांप जहरीले नहीं होते हैं। अंधविश्वासों को छोड़कर अगर तर्कों पर बात करें तो सांपों को बचाना इसलिए जरूरी है क्योंकि वे हमारी प्रकृति की फूड चैन का हिस्सा हैं और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।”

सांपों को बचाने वाले सोनू को उनके इलाके के लोग ‘स्नेक मैन’ के नाम से जानते हैं। जब भी उनके इलाके के किसी गाँव या शहर में किसी के घर सांप घुस जाता है तो लोग सोनू को फोन करके बुलाते हैं और सोनू सांपों को घरों से रेस्क्यू कर बाहर जंगल में छोड़ देते हैं। वह इस काम में साल 2010 से लगे हुए हैं और लोगों से इस काम के कोई पैसे नहीं लेते।

sonu dalal snakeman
सांप का रेस्क्यू करते सोनू।

उनसे इस काम की शुरुआत के बारे में पूछने पर उनका जवाब कुछ इस प्रकार होता है।

वह बताते हैं, “जब मैं छोटा था, तो देखता था कि गाँव में जब भी लोगों को सांप दिखाई देता, लोग उसे मार देते। जिसे देखकर मुझे बहुत बुरा महसूस होता था। मैं सोचता था कि जब सांप ने कुछ किया ही नहीं, फिर भी लोग उसे क्यों मार रहे हैं, मुझे बहुत गुस्सा आता, लेकिन मैं कुछ कर नहीं पाता था। डिस्कवरी पर सांपों के बारे में कई कार्यक्रम देखने से मुझे पता लगा कि ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते और वे प्रकृति के लिए जरूरी हैं। बस वहीं से मेरे अंदर लगी आग को चिंगारी मिली और मैंने सांपो की प्रजातियों पर किताबें पढ़ना शुरू कर दिया और सांपों को बचाने, उन्हें रेस्क्यू करने के तरीके सीखने लगा।”

सांपों के बारे में जानकारी हो जाने के बाद सोनू ने सबसे पहले अपने गाँव में सांपों को रेस्क्यू कर जंगलों में छोड़ना शुरू कर दिया।

sonu dalal snakeman
सोनू दलाल।

देखते-देखते उनकी ख्याति आस-पास के गांवों में भी फैलने लगी और आसपास के गाँव के लोग भी घरों में सांप घुस जाने पर उसे निकालने के लिए सोनू को बुलाने लगे। हालाँकि सोनू को सांपों को रेस्क्यू करने के दौरान लोगों में व्याप्त सांपों के बारे में अंधविश्वासों का सामना भी करना पड़ता है।

“जब मैं सापों को रेस्क्यू करने जाता तो लोग मुझसे पूछते थे कि क्या इसे मारकर मणी मिल जाएगी, क्या इसको मारकर इससे आंखों को ठीक करने वाली दवाई बन जाएगी, क्या सांप की आंखों में हमारे फोटो खींच गए हैं और यह हम पर हमला कर मार देगा। इस तरह के सवालों पर मेरा जवाब ‘ना’ ही होता था। हर जगह ऐसे सवाल पूछे जाने के कारण मैंने महसूस किया कि लोगों में सापों के बारे में फैले अंधविश्वासों को दूर करने की जरूरत है, इसलिए मैंने अंधविश्वासों के खिलाफ लोगों को जागरुक करना शुरू कर दिया,” सोनू ने कहा।

सोनू जब सांप रेस्क्यू करने जाते हैं तो उन्हें देखने के लिए आस-पास बहुत लोग इकट्ठा हो जाते हैं। सांप को रेस्क्यू करने के बाद सोनू वहां इकट्ठा हुए लोगों को सांपों के बारे में फैलाए गए अंधविश्वासों को दूर करते हैं कि सांपों में कोई मणी नहीं पाई जाती, सांप इच्छाधारी नहीं होते, सांप की आंखों में फोटो नहीं खींचती और न ही सांप दूध पीते हैं।

sonu dalal snake man
लोगों का सांप के प्रति अन्धविश्वास दूर करते सोनू।

हमारे समाज में सांप के कांटने और उसके बाद खुद ही इलाज करने जैसे कई प्रकार के अंधविश्वास फैले हैं, जिनके बारे में भी सोनू लोगों को जागरुक करते हैं। वह बताते हैं कि आमतौर पर सांप इंसानों को काटते नहीं हैं। लेकिन अगर कोई सांप काट भी ले तो पीड़ित को शांत रहना चाहिए, हड़बड़ी मचाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे जहर तेजी से शरीर में फैलता है। इसलिए मेडिकल मदद मिलने तक पीड़ित को शांत रहना चाहिए और शरीर के जिस हिस्से पर सांप ने काटा हो उसे हिलाना नहीं चाहिए। घाव को धोने, घरेलू इलाज करने में समय नष्ट करने की बजाए जल्द से जल्द अस्पताल जाना चाहिए। फिल्मों में दिखाए गए काट कर चूसने जैसे फिल्मी नुस्खे न प्रयोग करें और न ही दबाव डालने वाली पट्टी बांधे। ये दोनों अंधविश्वास हैं।

इतना ही नहीं, सोनू अब तक 8 ऐसे लोगों को भी पकड़वा चुके हैं जो बिना जहर वाले सांपों को कैद कर उनके दांत तोड़ देते हैं और अपने फायदे के लिए सांपों के साथ क्रूर व्यवहार करते हैं।

sonu dalal snakeman
सांप पकड़ने के उपकरण के साथ सोनू।

अंत में सोनू सिर्फ इतना कहते है कि सांप बहुत खूबसूरत जीव हैं जो अलग-अलग तरीकों से न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी हैं, बल्कि हम इंसानों को भी अनेकों फायदे पहुंचाते हैं। वे हमारी तरह ही इस धरती पर रहने के हकदार हैं, इसलिए हमें उन्हें मारना बंद कर उनके साथ शांति और सद्भाव से रहना शुरू करना होगा।

अगर आपको सोनू की कहानी अच्छी लगी और आप उनसे सम्पर्क करना चाहते हैं तो 9050704550 पर बात कर सकते हैं।

संपादन – भगवती लाल तेली


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X