दिल्ली: लॉकडाउन में पति की नौकरी गई, तो कार को स्टॉल बना पत्नी बेचने लगीं बिरयानी

अगर आप इन दिनों दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के आस-पास से गुजरते हों तो आपको वहाँ एक महिला अपनी कार में बिरयानी का स्टॉल लगाए दिख जाएँगी। लेकिन इस स्टॉल के पीछे एक कहानी है जो आपको जाननी चाहिए!

कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तमाम लोगों की कमर तोड़ दी है। इस बीमारी की वजह से लाखों लोगों की मौत तो हुई ही, साथ ही करोड़ों लोग बेरोजगार भी हो गए। हालाँकि इन सब नकारात्मक खबरों के बीच भी कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हार नहीं मानी।

आज हम आपको रजनी सरदाना और उनके पति रोहित सरदाना की कहानी बताने जा रहे हैं। लॉकडाउन में पति रोहित की नौकरी जाने के बाद रजनी ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने घर से फूड बिजनेस की शुरूआत कर दी। अब इस दंपत्ति ने इस काम को ही अपना करियर बना लिया है।

रजनी और उनके पति दिल्ली में रोहिणी कोर्ट के पास बिरयानी का स्टॉल लगाते हैं। दरअसल ये पूरी तरह से एक स्टॉल भी नहीं है। इन्होंने अपनी कार को स्टॉल बना दिया है। इसी कार पर रजनी बिरयानी बेचती हैं और अपने घर के खर्चों को पूरा करती हैं।

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रजनी व उनका बिरयानी स्टॉल

बिरयानी ही क्यों?

बिरयानी का ख्याल रजनी के मन में इसलिए भी आया क्योंकि उनकी बेटी को रजनी के हाथ की बिरयानी बेहद पसंद है। इसके अलावा एक साल पहले ही उन्हें लोगों से अपनी बिरयानी की तारीफ मिल चुकी है।

रजनी बताती हैं, ”एक बार कॉलोनी में दुर्गा पूजा में बिरयानी का स्टॉल लगाने का मौका मिला, वहाँ लोगों को मेरी बिरयानी बहुत पसंद आई थी। इसलिए मैंने बिरयानी ही बेचने के बारे में सोचा।”

रजनी जब यह काम शुरू करने जा रही थीं तो उनके मन में सबसे पहला सवाल यही आया कि लोग क्या कहेंगे।

वह बताती हैं, ”जब मैंने ये शुरू किया तो मन में घबराहट थी कि मैं अपनी गाड़ी ले जाकर सड़क पर लगाने वाली हूँ। रिश्तेदार क्या कहेंगे? दुनिया वाले क्या कहेंगे? लेकिन मुझे अपना घर देखना था, घर की परेशानियों को खत्म करना था। मुझे अपने पति का भी साथ देना था उन्होंने मुझे हमेशा खुश रखा है। मैं मन में एक दृढ़ निश्चय करके आ गई, ये सोच लिया कि कम से कम घर के खर्च तो पूरे होंगे, रोटी तो मिलेगी।”

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लज़ीज़

रजनी सुबह 5 बजे उठ जाती हैं। बिरयानी तैयार करने में 4 – 4.30 घंटे लग जाते हैं। वह ग्राहकों को बिरयानी के साथ चाप और तड़के वाला रायता भी देती हैं। कोरोना संक्रमण के बाद स्वच्छता को लेकर हर कोई सजग है। बिरयानी बनाने से लेकर ग्राहकों तक उसे पहुँचाने में वह स्वच्छता का पूरा ध्यान रखती हैं। रजनी 10 बजे अपनी गाड़ी लेकर पश्चिम विहार से करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रोहिणी कोर्ट पहुँच जाती हैं। सड़क किनारे उनका स्टॉल लग जाता है। 3 बजे तक उनकी पूरी बिरयानी बिक जाती है। यहाँ भी साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। इस पूरे काम में रोहित पूरा साथ देते हैं। रोहित पहले कॉसमेटिक इंडस्ट्री में काम करते थे। नौकरी जाने के बाद जब रजनी ने उन्हें यह आइडिया दिया तो झट से तैयार हो गए। इसके बाद दोनों ने मिलकर काम शुरू कर दिया।

रोहित कहते हैं, ”अब हमने ऑर्डर्स लेना भी शुरू कर दिया है। हम बर्थडे पार्टी या वैसे ही छोटी मोटी पार्टी, किटी पार्टी, ऑफिस लंच और जहाँ भी जो भी हमें बिरयानी का ऑर्डर देता हैं हम उसे पूरा करते हैं।”

मदद नहीं काम चाहिए

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बिरयानी लेते ग्राहक

रोहित बताते हैं कि उनका एक वीडियो वायरल हो जाने के बाद कई लोग मदद के लिए आगे आए लेकिन उनका कहना है कि उनको मदद नहीं काम चाहिए।

रोहित ने कहा, ”यूएसए, साउथ अफ्रीका, पौलेंड, इजराइल और साउदी अरब से हमारे पास मदद के लिए कॉल आने लगे हैं। लेकिन हमें मदद नहीं काम चाहिए। हमें काम दो, ताकि हम खुद सर्वाइव कर सकें।”

चूंकि अब रजनी ने अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ दे दिया है तो उनका कहना है कि हर कोई अगर थोड़ी हिम्मत दिखाए तो चीजें मुमकिन हो जाती हैं। उनके मुताबिक अगर किसी को कुछ भी नया शुरू करना हो तो वह उसी में करे जिसमें उसे महारत हासिल है।

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वाकई में ऐसे लोगों की कहानी प्रेरित करती है जो विपरित परिस्थिति में भी खुद अपने पैरों पर दोबारा खड़े हो जाते हैं। यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है तो आप इस दंपत्ति से 9212365648 पर संपर्क कर सकते हैं।

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