Placeholder canvas

JEE MAINS टॉपर कल्पित वीरवाल से सीखिए एग्जाम क्रैक करने का तरीका!

कल्पित JEE MAINS में शत प्रतिशत अंक हासिल करने वाले देश के पहले और एकमात्र विद्यार्थी हैं। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज है। लोगों ने उनसे कोटा या हैदराबाद जाकर कोचिंग करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने उदयपुर में रहकर ही परीक्षा की तैयारी की थी।

27अप्रैल 2017 को उस साल के JEE MAINS का परिणाम घोषित होता है। हर साल की तरह इस साल भी IIT की तैयारी कर रहे छात्र रिजल्ट देखने, टॉपर्स का नाम जानने को उत्साहित नज़र आते हैं। देशभर के छात्रों की निगाह कोटा पर होती है कि इस बार भी कोटा के किसी कोचिंग सेंटर का कोई स्टूडेंट टॉप कर जाएगा। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होता। इस बार टॉप करने की खबर राजस्थान के उदयपुर से आती है और वह भी JEE MAINS के अब तक के आए परिणामों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए।

IIT में कोटा के दबदबे को तोड़ते हुए उदयपुर के कल्पित वीरवाल ने JEE MAINS 2017 में टॉप कर इतिहास रचा दिया था। यह पहली बार था कि किसी छात्र ने JEE MAINS में 360 में से 360 अंक हासिल किए थे।

kalpit veerwal
टॉप करने के बाद कल्पित का अभिवादन करते हुए।

साथ ही उदयपुर से भी पहली बार कोई IIT की परीक्षा में पहले स्थान पर आया था। कल्पित के टॉप करने की खबर उनको CBSE के अध्यक्ष आर. के. चतुर्वेदी ने सुबह फोन करके दी थी।

 

कैसे कि 100% लाने की तैयारी?

अपनी इस उपलब्धि से लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में नाम दर्ज कराने वाले कल्पित बगैर कोई स्ट्रेस लिए हर दिन पांच से छह घंटे पढ़ाई करते थे। कल्पित ने कोचिंग ‘8वीं क्लास’ से ही लेनी शुरू कर दी थी। JEE में टॉप करने से पहले ‘इंडियन जूनियर साइंस ओलंपियाड’ और ‘नेशनल टैलेंट सर्च’ जैसी बड़ी परीक्षाओं में भी कल्पित टॉप कर चुके थे।

17 साल के कल्पित को अपनी सफलता का तो पूरा यकीन था, लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि वे शत प्रतिशत अंक लाएंगे।

कल्पित बताते हैं, ”मुझे हर कोई सलाह देता था कि मुझे कोचिंग के लिए कोटा या हैदराबाद जाना चाहिए, लेकिन मैं पढ़ाई को लेकर कोई बर्डन नहीं लेना चाहता था, इसे एन्जॉय करना चाहता था, इसलिए मैंने उदयपुर में ही रहने का फैसला किया और यहीं के कोचिंग सेंटर को जॉइन किया।”

 

कल्पित का पढ़ाई के लिए दिन भर का शिड्यूल तय होता था। लेकिन वे वीकेंड पर क्रिकेट खेलने और म्यूज़िक सुनने से नहीं चूकते थे।

kalpit veerwal
कल्पित वीरवाल।

टॉपर कल्पित महंगे मोबाइल रखने और सोशल साइट्स जैसे शौक से दूर रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग तब तक ही करना चाहिए जितनी आपको जरूरत है।

बचपन से ही अच्छी बातों के प्रति जागरूक रहने वाले कल्पित ने प्राइमरी से लेकर अब तक की सभी कक्षाओं की परीक्षा के लिए तैयारी नियमित तौर पर की। चाहे उन्हें इसके लिए रोज का एक घंटा मिला तो एक घंटे पढ़ाई की और ज्यादा समय मिला तो ज्यादा घंटे पढ़ाई की, लेकिन पढ़ने के मामले में लापरवाही नहीं बरती।

कल्पित IIT MAINS के लिए रोजाना 7 घंटे पढ़ते थे। सुबह स्कूल जाने से लेकर देर शाम घर आने तक का उनका शिड्यूल तय रहता था। कल्पित स्कूल का काम स्कूल में ही खत्म कर देते थे ताकि स्कूल के काम के चलते कोचिंग और सेल्फ स्टडीज में कोई बाधा नहीं आए। वे स्कूल में मिलने वाले स्पोर्ट्स और दूसरे खाली पीरियड्स में भी पढ़ते थे। जिसमें नोट्स बनाना, होम वर्क आदि शामिल होता था।

स्कूल से लौटने के बाद वे MAINS की कोचिंग करने जाते थे जो कि करीब 4 घंटे तक चलती थी। कोचिंग से लौटने के बाद घर पर थोड़ी देर आराम कर, स्पोर्ट्स, गाने सुनने के बाद करीब 3 घंटे वे सेल्फ स्टडीज करते थे।

kalpit veerwal
विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते कल्पित।

कल्पित ने फिजिक्स, मैथ्स और कैमिस्ट्री तीनों सब्जेक्ट में 120 में से 120 नंबर प्राप्त किए थे। कल्पित ने भले ही 7 घंटे पढ़ाई की हो, लेकिन वे रोजाना छह घंटे की पढ़ाई को पर्याप्त मानते हैं। कल्पित ने अपने रोल मॉडल के रूप में अपने बड़े भाई हार्दिक का अनुसरण किया था। हार्दिक वर्तमान में एम्स में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।

पिता के साथ क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक रखने वाले कल्पित के अनुसार सफलता के लिए शिक्षकों के बताए अनुसार नोट्स को पूरी समझ से अध्ययन करना जरूरी है।

क्या आपने कभी IIT टॉप करने के बारे में सोचा था? इसका जवाब कल्पित कुछ इस प्रकार देते हैं।

“एक बार मैं साइंस ओलम्पियाड के लिए मुंबई गया। वहां मैंने अपने सीनियर्स को टॉप करते देखा, उन्हें देखकर मुझे भी टॉप करने का ख्याल आया। लेकिन मैं पढाई एन्जॉय करना चाहता था।”

 

सपनों की उड़ान की शुरुआत 

कल्पित के पिता पुष्कर लाल उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में कंपाउंडर हैं, जबकि माँ पुष्पा मावली में सेकेंडरी स्कूल में टीचर हैं।

kalpit veerwal
अपने माता-पिता के साथ कल्पित।

कल्पित मूलतः उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता घर की विपरीत परिस्थियों में डॉक्टर बनने का सपना लेकर उदयपुर आए थे, लेकिन वे कम्पाउण्डर ही बन सकें। कल्पित बचपन से ही डॉक्टर बनकर पिता का सपना पूरा करना चाहते थे। कल्पित के बड़े भाई हार्दिक और कल्पित ने इस सपने के साथ पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया था।

कल्पित की शुरू से ही गणित में रूचि थी। आठवीं तक आते-आते कल्पित का मन मेडिकल से हटकर इंजीनियरिंग की और बढ़ गया। इसी बीच उनके भाई ने एमबीबीएस के लिए एडमिशन ले लिया। ऐसे में उनके पिता का सपना पूरा करने का ज़िम्मा जब कल्पित के बड़े भाई ने उठा लिया तो कल्पित इंजीनियरिंग के लिए IIT की तैयारी में जुट गए।

 

दूसरे बच्चों की मदद के लिए शुरू क्या ब्लॉग 

कल्पित ने जब टॉप किया तो उन्हें देश भर से IIT की तैयारी कर रहे बच्चों से सोशल मीडिया पर बहुत से मैसेज आए। उन्हें इंटरनेट पर भी बहुत खोजा गया। उनसे पढ़ाई के शेड्यूल, बुक्स, नोट्स के लिए पूछा जाता था। बच्चे लास्ट डे प्रिपरेशन, एग्जाम में गाइड करने के लिए बोलते थे। इनमें से कई बच्चे देश के दूर-दराज इलाकों से थे। कल्पित को ख्याल आया कि क्यों न इन बच्चों के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाए जिससे देश के सुदूर इलाकों से आने वाले बच्चे भी ऑनलाइन तैयारी कर अपने सपनों को पूरा कर सकें।

“मैंने ऐसे बच्चों के लिए सबसे पहले ब्लॉग लिखना शुरू किया, जहाँ पर वे किताबें और नोट्स मौजूद थे जिससे मैंने पढ़ाई की थी, “कल्पित ने बताया।

आप उनके ब्लॉग को यहाँ पढ़ सकते हैं।

 

देश में रहकर लोगों की सेवा करना है लक्ष्य

अंत में कल्पित कहते हैं कि वे विदेश नहीं जाना चाहते। उनका सपना अपने देश में ही रहकर लोगों के लिए कुछ करने का है। वे शिक्षा के क्षेत्र में कुछ खास करना चाहते हैं। वे उन बच्चों के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार कर रहे हैं जो पैसे देकर अच्छी कोचिंग नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा उन्होंने न्यूरा नाम से एक एप भी बनाया है जो हिंदी पर्सनल असिस्टेंट के रूप में काम करेगा। यह आम लोगों को इंटरनेट उपयोग करने में मदद करेगा।

 

यह महत्वपूर्ण लिंक्स कर सकती हैं मदद

यहाँ हम आपको कल्पित की बताई कुछ ऐसी लिंक्स बताने जा रहे हैं जो IIT MAINS सहित अन्य परीक्षाओं की तैयारी में आपकी मदद कर सकती हैं।

 IIT Bombay से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक कर रहे कल्पित के 12वीं में रिवीजन, इम्पोर्टेन्ट शार्ट नोट्स, JEE MAINS और JEE ADVANCE परीक्षा से पूर्व 40 दिन का प्रिपरेशन, दोनों परीक्षाओं में लास्ट मिनट्स टिप्स से जुड़ी इम्पोर्टेन्ट जानकारी आप इस लिंक पर जाकर ले सकते हैं।

इसके अलावा जिन किताबों, वेबसाइट्स के जरिये कल्पित ने JEE MAINS की तैयारी की, उन किताबों की जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। आप यहाँ से उन किताबों को ख़रीद भी सकते हैं।

कम्प्यूटर साइंस, मेडिकल, ओलंपियाड, NTSE (नेशनल टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन) से जुड़ी तैयारी के लिए आप कल्पित की वेबसाइट की मदद ले सकते हैं।

अगर आप कल्पित से सम्पर्क करना चाहते हैं तो उनसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं।

संपादन – मानबी कटोच 


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X