Placeholder canvas

गाँव में पुल बनवाने के लिए १४ साल का बच्चा तैर के जाने लगा स्कूल!

बच्चे अक्सर जिद्दी होते हैं। कई बार बच्चे की जिद के कारण माता-पिता उसे डाँट भी देते हैं। लेकिन केरल के एक १४ साल के बच्चे की जिद के आगे विधायक और कलक्टर को भी झुकना पड़ा।

च्चे अक्सर जिद्दी होते हैं। कई बार बच्चे की जिद के कारण माता-पिता उसे डाँट भी देते हैं। लेकिन केरल के एक १४ साल के बच्चे की जिद के आगे विधायक और कलक्टर को भी झुकना पड़ा।

१४ साल का अर्जुन संतोष केरल के पेरुम्बलम द्वीप का रहने वाला है। वो नौंवी कक्षा का छात्र है। पुतोट्टा स्थित अपने स्कूल तक पहुँचने के लिए वो केरल जल परिवहन विभाग की नाव से जाता था। लेकिन कुछ दिनों से वो अपने साथियों की साथ नाव में न जाकर ३ किलोमिटर की झील तैरकर पार करने लगा।

दरअसल, ये संतोष का विरोध करने का एक तरीका था। संतोष के गाँववाले लंबे समय से इस झील पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं।

lake

संतोष ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “इस रूट पर सिर्फ दो नाव है, जो बहुत ज्यादा भर के जाती हैं। ज्यादातर स्कूली छात्रों को तैरना नहीं आता है। इससे स्थिति और भी खतरनाक बन जाती है। इसलिए मैंने विरोध प्रदर्शन का ऐसा तरीका अपनाया।”

पेरुम्बलम पंचायत में दस हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। ये लोग लगभग २५ साल से इस झील पर ७०० मीटर लंबा पुल बनाने की मांग कर रहे हैं जिससे उनका गाँव मेनलैंड से जुड़ सके। अभी इस झील को पार करने में डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इस पुल के बन जाने से इन गांववालों का समय भी बचेगा।

संतोष ने इंडिया टुडे को बताया कि नाव अक्सर देर से पहुँचती है जिससे उसे स्कूल में देर से आने की सजा झेलनी पड़ती है।

अर्जुन के दस दिन के विरोध के बाद प्रशासन को उसकी सुननी ही पड़ी। विधायक ए.एम आरिफ और कलेक्टर आर गिरिजा ने गाँववालों के साथ मीटिंग करके उन्हें आश्वासन दिया कि वो पुल बनाने पर विचार करेंगे।

अर्जुन को विरोध खत्म करने के लिए एक नोटिस भी भेजा गया। फिलहाल अर्जुन ने अपना विरोध खत्म कर दिया है। उसका कहना है कि अगर पुल बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वो फिर से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर देगा।

यदि आपको ये कहानी पसंद आई हो या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें contact@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter (@thebetterindia) पर संपर्क करे।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X