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चार महीने में कम किया 15 किलो वजन और हरा दिया हाई बीपी और फैटी लीवर को

Weight Loss Tips

हिमाचल प्रदेश में एक हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. मुकुल कुमार भटनागर ने चार महीनों में 15 किलो वजन कम करके फैटी लीवर और हाई बीपी की समस्या से निजात पा लिया है।

दूसरों को सलाह देना तो बहुत आसान होता है। लेकिन खुद उसका पालन करना, अक्सर काफी मुश्किल होता है। जो सलाह देने से ज्यादा, उस पर अमल करने पर विश्वास रखते हैं, वे डॉ. मुकुल कुमार भटनागर जैसे होते हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के कार्डियोलॉजी विभाग में असोसिएट प्रोफेसर, डॉ. मुकुल कुमार भटनागर ने सिर्फ चार महीनों में 15 किलोग्राम वजन कम किया है। ऐसा करके उन्होंने फैटी लीवर और हाई बीपी पर भी काबू पाने की कोशिश की है। आज वह वजन कम करने से जुड़े कुछ बेहद जरूरी टिप्स (Weight Loss Tips) साझा कर रहे हैं।

44 वर्षीय डॉ. भटनागर ने अपने लिए दिन भर की अपनी एक रुटीन बनाई थी। जिसमें सटीक डायट और एक्सरसाइज प्लान शामिल था। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस रुटीन का पालन करके, वह अपना वजन 15 किलो कम करने में सफल रहे हैं।  

उन्होंने द बेटर इंडिया को अपनी रुटीन के बारे में विस्तार से बताया है। तो अगर आप भी वजन और उससे जुड़ी ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं तो इस लेख को ध्यान से पढ़िए।

डॉ. भटनागर कहते हैं, “मैं कभी भी बहुत एथलेटिक या खेल-कूद करने वाला व्यक्ति नहीं रहा। मैं शुरू से ही किताबों और पढ़ाई में डूबा रहता था।”

Weight Loss Tips

पीजीआई, चंडीगढ़ से साल 2013 में मेडिसिन में डॉक्टरेट (DM) करने के बाद, डॉ. भटनागर कांगड़ा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से जुड़ गए। यहाँ वह कार्डियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने लगे। वह बताते हैं, “मैं काम में पूरी तरह से व्यस्त था। जनवरी 2015 में मुझे पता चला कि मुझे पॉट्स स्पाइन (रीढ़ से संबंधित बीमारी) है।”

इसके बाद, डॉ. भटनागर चार महीने तक बेड-रेस्ट में रहे। जुलाई 2016 तक उनका एंटी-ट्यूबरक्युलर इलाज चला। वह कहते हैं कि यह वह समय था, जब उनका वजन बढ़ना शुरू हुआ था। उनका वजन 78 किलो से 85 किलो तक पहुँच गया। जनवरी 2017 में उन्होंने हल्की कसरत शुरू कर दी। डॉ. भटनागर का पूरा समय और ऊर्जा काम में लग रहा था और उन्हें पता ही नहीं चला कि कब उनका वजन 90 किलो तक पहुँच गया।

डॉ. भटनागर कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान, समय ज्यादा मिलने के कारण उन्हें वजन कम करने में काफी मदद मिली। लॉकडाउन की शुरुआत में, डॉ. भटनागर का वजन 93 किलोग्राम था और साथ ही, वह हाई बीपी से भी ग्रसित हो गए थे। इसके साथ-साथ, वह कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर और फैटी लिवर की बीमारी से भी जूझ रहे थे। वह कहते हैं, “मैं इसके लिए तुरंत दवाइयां नहीं खाना चाहता था और इसी बात ने मुझे वजन कम करने के लिए प्रेरित किया।”

डॉ. भटनागर का रुटीन

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डॉ. भटनागर सुबह 4:45 बजे उठते हैं। सबसे पहले, वह बादाम और अखरोट के साथ शहद और नींबू पानी पीते हैं। इसके बाद डॉ. भटनागर एक घंटा टहलते हैं और बाद में आधा घंटा HIIT (हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग) या वेट ट्रेनिंग करते हैं।

उनके नाश्ते में आमतौर पर पराठे, ब्राउन ब्रेड के साथ पीनट बटर, ब्रेड ऑमलेट, उबले अंडे, दूध के साथ ओट्स / म्यूसली, मूंग दाल चीला जैसे आहार शामिल होते हैं। सुबह लगभग 11 बजे, डॉ. भटनागर कभी एक कप अदरक वाली चाय तो कभी लस्सी या छाछ या नारियल पानी लेते हैं।  

उनके दोपहर के भोजन में पर्याप्त हरी सब्जियां, दाल, दही, सलाद और चावल के साथ दो रोटियां शामिल होती हैं। दोपहर दो बजे के करीब, वह ग्रीन टी और आलूबुखारा तथा शाम को चार बजे एक कप अदरक वाली चाय लेते हैं।

डॉ. भटनागर कुछ अंतराल पर उपवास (Intermittent Fasting) का भी पालन करते हैं, यानि उनका रात का खाना हर दिन शाम 5 बजे तक होता है। रात के खाने में वह अक्सर पोहा, इडली, डोसा, दलिया, ढोकला, खिचड़ी, चीज़ सैंडविच, स्प्राउट्स या कभी-कभी फल भी लेते हैं।

रात के खाने के बाद, डॉ. भटनागर एक घंटे साइकिल चलाते हैं और दो घंटा टलहते हैं। वह कहते हैं, “मैंने हमेशा ही जल्दी सोने और जल्दी जागने में विश्वास किया है। मुझे इससे काफी फायदा भी हुआ है।”

डॉक्टर के टिप्स

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  • एक एक्सरसाइज प्लान (व्यायाम योजना) बनाएं और उसका पालन करें। बारिश हो या धूप, डॉ. भटनागर हर दिन बाहर निकलते हैं और शरीर को फिट रखने के लिए, जितना जरूरी है उतने वॉकिंग स्टेप्स पूरे करते हैं या चलते हैं।
  • अपनी ही तरह वजन कम करने के इच्छुक लोगों को ढूंढे और फिटनेस की दिशा में आगे बढ़ें। वह कहते हैं अगर आप अकेले भी हैं तो खुद के लिए काम करें और खुद को प्रेरित करने का तरीके खोजते रहें।
  • आप खुद के लिए कुछ छोटे मापदंड तय करें, जिन्हें आप लगातार हासिल करते हुए खुशी का अहसास कर सकते हैं। हो सकता है कि आपका वजन तेजी से कम नहीं हो रहा हो, लेकिन संभव है कि आपके ‘फैट स्टोरेज’ के कुछ इंच कम हुए हों या आपके ‘ब्लड मार्कर्स’ में लगातार सुधार हो रहा हो।
  • रुटीन को आदत में बदलने के लिए, इसे लंबे समय तक जारी रखें। वह कहते हैं कि एक बार यह आदत बन जाती है तो फिर आप रोज व्यायाम करने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ ही लेते हैं।
  • स्वच्छ, पौष्टिक भोजन खाने पर ध्यान दें। अपने डॉक्टर से पूछें कि आप किसी विशेष डायट का पालन कर सकते हैं या नहीं। डॉ. भटनागर कुछ अंतराल पर उपवास का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि वह इसका पालन करते हैं, लेकिन यह डायबटीज के मरीजों के लिए सही नहीं है।
  • सब्जी और दाल का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की कोशिश करें। मौसमी और ताज़े फल-सब्जियों को खाना जारी रखें।
  • कोल्ड स्टोरेज फल-सब्जियों और प्रोसेस्ड फूड से भी दूर रहें।

अधिक जानकारी के लिए, आप डॉ. भटनागर के फेसबुक पेज को भी फॉलो कर सकते हैं।

मूल लेख- विद्या राजा

संपादन- जी एन झा

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