भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी धर्मों को एक समान माना जाता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई से लेकर बौद्ध और जैन धर्म के लोग यहां रहते हैं। इसके बावजूद, कई ऐसी घटनाएं होती हैं, जिससे धर्मों के बीच की खाई बढ़ने लगती है। लेकिन क्या आप उन दो महिलाओं के बारे में जानते हैं, जिनके धर्म अलग हैं फिर भी एक दूसरे के पति की जान बचाने के लिए, दोनों महिलाओं ने किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) करवाया है? आइए, पढ़ते हैं उनकी कहानी।
कायम की मानवता की मिसाल
देहरादून में रहनेवाली 48 साल की सुषमा उनियाल और 46 वर्षीय सुल्ताना खातून ने, एक दुसरे के पति की जान बचाने के लिए किडनी दान करने का निर्णय लिया। दोनों महिलाओं के पति किडनी की गंभीर बिमारी से पीड़ित थे और उन्हें किडनी डोनेशन की जरूरत थी। ऐसे में, दोनों महिलाओं ने एक दूसरे की मदद करने की ठान ली।
जब विकास उनियाल की पत्नी सुषमा उनियाल से पूछा गया, तब उन्होंने बताया कि वह सुल्ताना खातून का आभार शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती। उन्होंने बताया, “सुल्ताना खातून के परिवार ने मेरी मदद की है, जिसे मैं जिंदगी में कभी भी नहीं भुला सकती। हमने एक-दूसरे की मदद करने का फैसला किया है और हमारे परिवार में खुशहाली का माहौल है।”
वहीं सुल्ताना खातून के पति, अशरफ़ अली को सुषमा उनियाल ने किडनी दान की। वह कहते हैं, “सुषमा जी मेरी आत्मिक बहन बन गई हैं। मानवता का बंधन इस दुनिया में किसी भी रिश्ते से ज्यादा मजबूत होता है।” अशरफ़ अली की पत्नी सुल्ताना खातून कहती हैं, “सुषमा जी और उनके परिवार की वजह से मेरे पति की जान बची है। मैं उनकी आभारी बनी रहूंगी।”
जब डॉक्टर्स ने कहा किडनी करनी होगी ट्रांसप्लांट
सुषमा उनियाल ने कहा कि उनके पति की किडनी पर इस हद तक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा कि वह दो साल से अधिक समय से हेमोडायलिसिस पर थे। “ऐसे समय में डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट करने को कहा, लेकिन तब मैंने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के बीच किडनी की व्यवस्था करने की कोशिश की। लेकिन हम नहीं कर पाए। जब हम हिमालयन अस्पाताल में थे, जहां मेरे पति विकास उनियाल का इलाज चल रहा था, तभी उस अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि एक मरीज हैं अशरफ़ अली, जिन्हें किडनी की आवश्यकता है,” उन्होंने बताया।
सुषमा उनियाल ने कहा कि उन्होंने किडनी डोनेशन से संबंधित कागजी कार्रवाई के माध्यम से एक दूसरे की मदद करने का फैसला किया। फिर दोनों ने एक दूसरे के पति को किडनी दी।
डॉक्टरों की टीम का कहना था कि दोनों मरीज विकास उनियाल और अशरफ अली के स्वास्थ्य में सुधार देखा जा रहा है। अब दोनों पहले से ठीक हैं। किडनी ट्रांसप्लांट करने वाली टीम के डॉ. किम जे मोमिन कहते हैं, “दोनों ट्रांसप्लांट सफल रहे हैं और फिलहाल हम दोनों मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं।”
प्रेरणास्रोत हैं सुषमा और सुल्ताना
देहरादून की एक सामाजिक कार्यकर्ता, अन्नो नौटियाल का कहना है, “यह हमारी संस्कृति और सामाजिक मूल्यों की एक ऐसी कहानी है जिसे हम भूल नहीं सकते। जरूरत के समय में एक-दूसरे की मदद करना, एक व्यक्ति का जीवन बचाना, इससे बढ़कर कुछ नहीं है। हम सभी को इन दोनों महान महिलाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।”
संपादन- जी एन झा
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