Placeholder canvas

नागालैंड: स्कूल में लगी ‘पुलिस की पाठशाला,’ बच्चों को साइबर क्राइम के बारे में किया जागरूक!

नागालैंड पुलिस ने अपनी पहल 'पुलिस की पाठशाला' की शुरुआत कोहिमा के लिटिल फ्लॉवर हायर सेकेंडरी स्कूल से की। इस सेशन को नागालैंड पुलिस की इंस्पेक्टर जनरल सोनिया सिंह ने स्वयं संबोधित किया। जिसके दौरान छात्राओं को साइबर क्राइम, सड़क सुरक्षा और आत्म-रक्षा के बारे में बताया गया।

ब भी हम पुलिस के बारे में सोचते हैं तो अक्सर हमारे भीतर डर डर की ही भावना जागती है। जो पुलिस व्यवस्था हमारी सुरक्षा के लिए है उसी से हम कतराते हैं। बच्चों के मन से पुलिस के नाम के साथ जुड़े इस डर को हटाने के लिए ही नागालैंड पुलिस ने एक पहल की है – ‘पुलिस की पाठशाला।’

इस पहल की शुरुआत उन्होंने कोहिमा के लिटिल फ्लॉवर हायर सेकेंडरी स्कूल से की। नागालैंड पुलिस ने स्कूल में 2:30 घंटे का एक सेशन किया, जिसमें 9वीं से लेकर 11वीं कक्षा तक की 500 छात्राओं ने भाग लिया। इस सेशन को नागालैंड की इंस्पेक्टर जनरल सोनिया सिंह ने स्वयं संबोधित किया। जिसके दौरान इन छात्राओं को साइबर क्राइम, सड़क सुरक्षा और आत्म-रक्षा के बारे में बताया गया।

बच्चों को सम्बोधित करती आईजीपी सोनिया सिंह/द इंडियन एक्सप्रेस

सिंह ने बताया, “इस प्रोग्राम का उद्देश्य विद्यार्थियों के मन में पुलिस के बारे में जो अवधारणा है, उसे बदलना है। जब भी वे पुलिस के बारे में सोचते हैं तो वे डर जाते हैं। दूसरा उद्देश्य युवा पीढ़ी को साइबर क्राइम या फिर ड्रग्स आदि से जुड़े कानूनों के बारे में अवगत करा उन्हें जागरूक करना है।”

लिटिल फ्लॉवर स्कूल केवल लड़कियों का स्कूल है। यहीं से नागालैंड पुलिस की पाठशाला की शुरुआत हुई। अब उनका अगला पड़ाव कोहिमा साइंस कॉलेज है। इस सेशन के बच्चों और अफसर सिंह के बीच बातचीत भी हुई। जहां बच्चों ने बिना हिचक उनसे सवाल-जबाब किये।

15 साल की इम्लिबेनला लोंगकुमार ने बताया, “हमने सीखा कि हमारा हर एक मैसेज सोशल मीडिया पर हमें ट्रेस कर सकता है और कैसे हमारी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल हो सकता है। हमें इस सेशन में बहुत मजा आया क्योंकि हम बिना डरे मैडम से अपनी बात कह सकते थे।”

पुलिस की पाठशाला प्रोग्राम के तीन चरण हैं। सबसे पहले चरण में पुलिस कोहिमा को कवर करेगी और उसके बाद नागालैंड के और भी भागों में यह प्रोग्राम शुरू होगा।

इस प्रोग्राम का शुरूआती उद्देश्य लोगों के मन में पुलिस की जो गलत छवि है उसे बदलना है।


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X