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इंजीनियर ने अपार्टमेंट में लगाया ऐसा वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, बच रहे रु. 50 हजार/माह

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बेंगलुरु के मेट्रोपोलिस गुरुकृपा अपार्टमेंट परिसर के बोरवेल, साल 2018 में सूखने लगे थे। वहां, जब पानी की किल्लत होने लगी, तो लोगों ने पानी के टैंकर खरीदने का मन बना लिया, लेकिन इसी अपार्टमेंट में एक शख्स ऐसा भी था, जिसे पानी के टैंकरों की जरूरत नहीं थी।

‘जल ही जीवन है’ इस बात का एहसास हमें तब होता है, जब हमारे आसपास के जलस्रोत सूखने (Water Crisis In Bengaluru) लगते हैं। जब पानी की किल्लत होती है, तब हमें पानी के बचाव और संरक्षण का ख़्याल आता है। बेंगलुरु में रहनेवाले लोगों के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। बेंगलुरु के बेगुर में ‘मेट्रोपोलिस गुरुकृपा अपार्टमेंट परिसर’ के बोरवेल, साल 2018 में सूखने लगे थे।

वहां, जब पानी की किल्लत होने लगी, तो लोगों ने पानी के टैंकर खरीदने का मन बना लिया। लेकिन इसी अपार्टमेंट में एक शख्स ऐसा भी था, जिसे पानी के टैंकरों की जरूरत नहीं थी। दरअसल, उनके पास एक ऐसा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rain Water Harvesting System) प्लान था, जिसके बलबूते वह पानी की किल्लत से लड़ सकते थे। 

20 हजार हुए खर्च और 50 हजार/प्रति माह की हो रही बचत

गणेश शानबाग पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उन्हें पर्यावरण से, पेड़-पौधों से काफी लगाव है और वह इसे लेकर खासे चिंतित भी रहते हैं। अपार्टमेंट में जब पानी की परेशानी (Water Crisis In Bengaluru) हुई, तो वह जानते थे कि पानी की किल्लत की वजह क्या है। उन्होंने अपने जैसी सोच रखने वाले लोगों को साथ जोड़ा और उनकी मदद से अपार्टमेंट के परिसर में एक अनोखे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (RWH) को स्थापित किया। इससे न केवल अपार्टमेंट के लोगों की पानी की समस्या दूर हुई, बल्कि इसकी बदौलत हर महीने पानी के बिल में लगभग 50 हजार रुपये की बचत भी हो रही है। 

इस वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को तैयार करने के लिए गणेश ने सबसे पहले उन घरों का दौरा किया, जो इस प्रणाली को पहले से ही इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने इस बारे में काफी रिसर्च की। इसके बाद उन्होंने अपार्टमेंट के लिए एक बहुत ही किफायती और प्रभावी सेटअप तैयार किया। RWH सिस्टम के लिए सामान खरीदना ज्यादा महंगा सौदा साबित नहीं हुआ। गणेश और अपार्टमेंट में रहने वाले कुछ लोगों ने मिलकर एक ई कॉमर्स वेबसाइट से जरूरत का सारा सामान खरीदा। इस पर लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आया था और फिर प्लंबर की मदद से इसे परिसर में इंस्टॉल करा दिया गया।

साल 2019 में जब बारिश हुई, तो उसके बाद से सिस्टम ने प्रभावी तरीके से काम करना शुरू कर दिया। सिस्टम को तैयार करने में जितना भी खर्च आया था, वह कुछ समय में ही वसूल हो गया। दरअसल, अब पानी के टैंकर पर खर्च होने वाला पैसा बचने लगा। अपार्टमेंट में लगे प्लांट से, अतिरिक्त पानी पास की झील में चला जाता है, जो धीरे-धीरे घटते जल स्तर को सुधारने में मदद करेगा।

फ्री में करते हैं काम

आज बेंगलुरु में 30 से अधिक अपार्टमेंट, गणेश की इस RWH सिस्टम को अपने परिसर में जगह दे चुके हैं और सभी बहुत खुश हैं, क्योंकि उन्हें अब पानी की कमी से जूझना नहीं पड़ रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि गणेश ने इस काम में लोगों की मदद करने के लिए एक भी रुपये नहीं लेते, वह फ्री में ही अपनी सेवाएं देते हैं। 

गणेश कहते हैं, “आरडब्ल्यूएच में निवेश करके हम सिर्फ पैसों की बचत नहीं करते, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों को भी बचाते हैं।” उन्होंने कहा, “बेंगलुरु में 22,000 से ज्यादा अपार्टमेंट हैं। अगर हर एक अपार्टमेंट में RWH स्थापित कर दिया जाए तो हम 6 से 7 हजार करोड़ लीटर पानी बचा सकते हैं।”

देखें, उनका यह वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बेंगलुरु में कैसे अद्भुत तरीके से काम कर रहा हैः-

मूल लेखः अनघा आर मनोज

संपादनः अर्चना दुबे

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