जोधपुर में रहनेवाली सना फिरदौस की सुबह, पक्षियों की चहचहाहट से और शाम भी उनके मधुर आवाज से ही होती है। सिर्फ चिड़िया या कबूतर ही नहीं, कई किस्मों के पक्षियों का इनके घर में रोज का आना-जाना है और ऐसा इसलिए, क्योंकि सना ने इन पक्षियों के लिए बढ़िया खाना और पीने के लिए साफ पानी का इंतजाम परिवार के सदस्यों जैसे ही करती हैं।
तक़रीबन एक साल पहले जब सना ने अपने घर के गार्डन में, पक्षियों को दाना देने की शुरुआत की थी। तब एक्के-दुक्के पक्षी ही दिखाई देते थे, लेकिन जैसे-जैसे पक्षियों की संख्या बढ़ने लगी। सना के बनाए बर्ड फीडर भी बढ़ने लेगे। आज उनके घर में वेस्ट चीजों से बने छह अलग-अलग तरह के बर्ड फीडर मौजूद हैं, जिसमें हर दिन सुबह-शाम कई पक्षी दाना चुगने आते हैं।
प्रकृति प्रेमी होने के कारण सना जब भी न्यूज़ में सुनती थीं कि पक्षियों की संख्या घट रही है, तब उन्हें बड़ा बुरा लगता था। वह जानती थीं कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि शहरीकरण की वजह से पक्षियों के रहने के लिए जगह कम हो गई है। वहीं, खेतों में भी कीटनाशक के उपयोग से केचुओं और छोटे कीड़े मर जाते हैं, जो कभी इन पक्षियों का बढिया भोजन हुआ करते थे।
पक्षियों के प्रति अपने प्यार और जिम्मेदारी को समझते हुए सना ने खुद के स्तर पर कुछ प्रयास करने का फैसला किया। उनके घर में उनकी सास को पहले से ही गार्डनिंग का शौक था और पक्षियों से लगाव रखने वाली सना भी उनके साथ गार्डनिंग किया करती थीं।
वह कहती हैं, “हमें बचपन से पक्षियों और पशुओं को खाना और दाना देना सिखाया जाता है। लेकिन अपने काम की भाग-दौड़ में हम ये सारे काम करना भूल जाते हैं। इसलिए मैंने इसपर ज्यादा ध्यान देने का सोचा और घर में पड़े बेकार प्लास्टिक वेस्ट से अपना पहला बर्ड फीडर बनाया। कुछ दिनों के बाद, चिड़ियों का आना शुरू हुआ। एक साल में चिड़िया का खुद का परिवार भी बढ़ने लगा और उनके कई दोस्त और रिश्तेदार भी हमारे घर आने लगे।”
आज उनके घर में 30 से 40 चिड़ियों के साथ पांच बुलबुल, टेलर बर्ड, सनबर्ड, जंगल बैबलर जैसे पक्षी नियमित रूप से आते हैं। सना के साथ उनकी तीन छोटी बेटियां भी इस काम में उनकी मदद करती हैं।
सना अपने यूट्यूब चैनल से लोगों को पक्षियों से प्यार करने का सन्देश देती हैं, साथ ही वह यह भी सिखाती हैं कि कैसे ज्यादा से ज्यादा पक्षियों को घर पर बुलाया जा सकता है।
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