क्यूँ है आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी, अमरावती, एक अनोखा शहर?

अमरावती - आंध्रप्रदेश की नयी राजधानी इन दिनों काफी चर्चा में है। आईये देखे क्या अनोखा है इस नए शहर में !

अमरावती – आंध्रप्रदेश की नयी राजधानी, इन दिनों काफी चर्चा में है। आईये देखे क्या अनोखा है इस नए शहर में !

क्यूँ बना अमरावती आंध्रप्रदेश की राजधानी

छायाचित्र – विकिपीडिया

वर्षो की लढाई और संघर्ष के बाद तेलंगाना को आंध्रप्रदेश से अलग किया गया। करीब दो वर्ष पहले U.P.A की केंद्र सरकार ने यह ऐलान किया। पर इससे आंध्रप्रदेश की राजधानी, हैदराबाद, तेलंगाना का हिस्सा बन गयी और अब आंध्रप्रदेश की नयी राजधानी खोजने का प्रश्न उठा। तय किया गया कि दोनों राज्य दस वर्षो तक हैदराबाद को ही राजधानी के तौर पर बांटेंगे।

पर एक नयी राजधानी की ज़रूरत तो थी ही। इसके लिए आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री. चंद्राबाबू नायडू ने एक पूरी तरह नए शहर का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा। इस शहर का नाम था अमरावती याने ‘इश्वर का शहर’।

अमरावती का इतिहास

अमरावती का मशहूर ध्यान बुद्ध प्रतिमा
छायाचित्र – विकिपीडिया

अमरावती का इतिहास लगभग २००० साल पुराना है। इसा पूर्व दूसरी और तीसरी शदाब्दी के दौरान ये शहर आंध्र देसम की राजधानी हुआ करता था तथा यहाँ सत्वहना राजवंश का राज हुआ करता था।

पल्लवों की हार के बाद अंग्रेजो ने इस शहर पर राज किया। हज़ारो वर्ष पुरानी अमेश्वारा मंदिर, विशाल स्तूप – महाचैत्या और कई बौद्ध कालीन मूर्तियाँ तथा कृतियाँ इसी शहर की धरोहर है।

 

कैसे बना अमरावती

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Picture for Representation. Credit: Sarath Kuchi/Flickr

अमरावती का शहर एक बहुत ही अनोखे तरीके से बनाया जा रहा है। कृष्णा नदी के किनारे,  विजयवाड़ा और थूल्लुर के बीच, ये शहर ३३,००० एकड ज़मीन पर बसा है।पर ये ज़मीन इसीलिए ख़ास है क्यूंकि इसे यहाँ के किसानो ने स्वेच्छा से सरकार को दी है। स्वेच्छा से ज़मीन देने वाला ये तरीका, भूमि अधिग्रहण के तरीके से बिल्कुल विपरीत है और इसीलिए सफल भी है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए टी. बी. आई का ये पूर्व प्रकाशित लेख पढ़े।

इस शहर के लिए सबसे पहली ज़मीन का टुकड़ा ६० वर्षीय के. नागेश्वरराव नामक किसान ने दी थी जो लिंगयापलेम का रहने वाला है।  स्वेच्छा से ज़मीन देकर बनने वाला ये देश का पहला शहर होगा।

अमरावती का भूमिपूजन 

छायाचित्र – विकि न्यूज़

अमरावती शहर की नीव २२ अक्टूबर २०१५ को उद्दंदारयुनिपलेम में रखी गयी। भूमिपूजन के ठीक एक दिन पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने स्वयं हवाई यात्रा कर सारे शहर पर देश के हर एक पवित्र नदी का पानी तथा आंध्र प्रदेश के हर गाँव और शहर की मिट्टी छिडकी। अमरावती का भूमिपूजन, प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री श्री चंद्राबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्य मंत्री कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव, जापान के इकॉनमी ट्रेड तथा इंडस्ट्री मंत्री- श्री योसुके तकागी और सिंगापूर के ट्रेड और इंडस्ट्री मंत्री श्री एस. इस्वरण के हाथो किया गया।

अमरावती का भविष्य 

 

छायाचित्र – विकिपीडिया

 

इस शहर का जी.डी.पी २०१० में ३ अरब डॉलर  था। और इस बात की उम्मीद लगायी जा रही है की २०२५  तक इसका जी.डी.पी १७ अरब डॉलर हो जायेगा ।   इस शहर को मेकिंसे क्वार्टरली २०१३ द्वारा ‘ग्लोबल सिटी ऑफ़ थे फ्यूचर’ माना गया है।

विजयवाड़ा, गुंटूर और अमरावती मिलकर भविष्य में दक्षिण के एक नए महानगर के रूप में उभर कर आएगा।

उम्मीदों, आशाओं और किसानो की दुआओं से बने इस शहर को हमारी शुभकामनाये!

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