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एसिड अटैक फाइटर्स द्वारा चलाये जा रहे शीरोज़ हैंगआउट को मिला नारी शक्ति पुरस्कार!

छांव फाउंडेशन को शीरोज हैंगआउट के लिये राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया। शीरोज हैंगआउट, कैफे श्रृंखला है जो एसिड अटैक फाइटर्स के द्वारा संचालित की जाती है। 15 साल की उम्र में सौतेली मां के द्वारा एसिड हमले का शिकार हुईं रूपा ने शीरोज हैंगआउट की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।

“सिर्फ चेहरा देख सके थे तुम, आज मेरे पंखों की उड़ान भी देख लो..”

शायद ऐसा ही कुछ रूपा के जहन में होगा, जब राष्ट्रपति भवन में देश के बड़ेबड़े लोगों के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनको सम्मानित किया।

छांव फाउंडेशन को शीरोज हैंगआउट के लिये राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया।

रूपा को राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी के हाथो नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया

शीरोज हैंगआउट, कैफे श्रृंखला है जो एसिड अटैक फाइटर्स के द्वारा संचालित की जाती है। 15 साल की उम्र में सौतेली मां के द्वारा एसिड हमले का शिकार हुईं रूपा ने शीरोज हैंगआउट की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।

शीरोज यानि महिला हीरोज और हैंगआउट यानि अड्डा मतलब महिला हीरोज का अड्डा।

शीरोज हैंगआउट

आगरा, लखनऊ और ऊदयपुर में एसिड अटैक फाइटर्स के द्वारा चलाए जाने वाले कैफे शीरोज हैंगआउट, सिर्फ इन एसिड का शिकार हुईं महिलाओं को ही नहीं यहां आने वाले लोगों को भी सकारात्मक ऊर्जा देती हैं। दरअसल, इस कैफे श्रृंखला की शुरूआत आगरा से हुई थी। आगरा की सर्वाइवर मांबेटी की मदद के लिये ‘छांव फाउंडेशन’ एक दुकान खोलना चाहता था। लेकिन जब छांव की टीम ने संपर्क किया तो काफी सर्वाइवर्स उनके साथ जुड़ीं।

इसके बाद उन्होंने दुकान की जगह एक ऐसी जगह की कल्पना कि जहां लगभग सातआठ सर्वाइवर्स एक साथ काम कर सकें। 10 दिसंबर 2014 को आगरा से शुरू हुए कैफे को आज पूरी दुनिया के लोग पहचानते हैं और यहां काम कर रही एसिड अटैक फाइटर्स से मिलने आते हैं। इस कैफे की सबसे खास बात है कि यहां किसी भी खानेपीने की चीज का कोई दाम नहीं है, आप जो चाहें दाम दे सकते हैं। शीरोज हैंगआउट केपे एज यू विशमाॅडल को भी लोग काफी पसंद करते हैं।

पांच साल तक अंधेरे में रहीं रूपा, आज शीरोज हैंगआउट की असिस्टेंट मैनेजर है।

रूपा

रूपा जब 15 साल की थीं तो उनकी ही सौतेली मां ने उन पर तेजाब फेंक दिया था। उस वक्त रूपा सो रही थी। पूरी रात रुपा ने दर्द में बिताई। अगली सुबह रूपा के चाचा उन्हें अस्पताल ले गए। अब रूपा 22 साल की हैं।

उस वक्त के बारे में रूपा बताती हैं, “तब मैं बिल्कुल टूट गई थी। मैंने खुद को लगभग पांच साल तक कमरे में बंद रखा। मैं किसी से भी बात करना पसंद नहीं करती थी। अस्पताल जाना मेरी मजबूरी थी, वो भी मैं पूरा मुंह ढक कर जाती थी।”

रूपा आगे बताती हैं, “जबसे मैं छांव फाउंडेशन से जुड़ी हूं तब से मैंने कभी मुंह नहीं ढका है। यहां आने के बाद मुझमें आत्मविश्वास आया है। आज मैं कैफे शीरोज हैंगआउट, आगरा की असिस्टेंट मैनेजर हूं।”

रूपा अपनी सहकर्मियों के साथ

वे आगे बताती है, “बचपन से मेरा सपना फैशन की दुनिया में जाने का था। वो भी मैं शीरोज के साथ पूरा कर रही हूं। मेरी बनाई हुई कुछ ड्रेसेज शीरोज में बेची जाती हैं। लोग हमारे हुनर की तारीफ करते हैं तो अच्छा लगता है। रूपा भविष्य में एक बड़ी फैशन डिजायनर बनना चाहती हैं और शीरोज के साथ भी जुड़े रहना चाहती हैं। रूपा की तरह आगरा, लखनऊ और उदयपुर कैफे में 15 सर्वाइवर्स काम करती हैं।

राष्ट्रपति से मिले पुरस्कार के बारे में रूपा कहती हैं, “कभी नहीं सोचा था कि हमें इतना बड़ा सम्मान मिलेगा। लेकिन हम अपने अभियान को सफल तभी मानेगें जब एसिड अटैक की समस्या खत्म हो जाएगी।”

कैफे शीरोज हैंगआउट के गेस्ट्स में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर हाॅलीवुड अभिनेता जैसन आइजैक्स तक शामिल हैं। अखिलेश यादव ने आगरा शीरोज हैंगआउट के माॅडल को समझ कर ही संस्था की लखनऊ कैफे खोलने में मदद की। इनके अलावा कैफे के गेस्ट्स में गायिका सोना मोहापात्रा, अभिनेत्री कल्कि कोचलीन, मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन जेमी ली फाॅकनर, निदेशक ओमंग कुमार, अभिनेता राजकुमार राव और सांसद डिंपल यादव जैसे लोग शामिल हैं। सिलिकाॅन वैली से फेसबुक की ग्लोबल टीम भी इस कैफे का दौरा कर शीरोज की तारीफ कर चुकी है।


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