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[विडियो]- इस गणतंत्र दिवस पर देखें, कैसे ला सकते है आप देश में बदलाव !

खुद में वह बदलाव लाएं , जो आप देखना चाहते है। महात्मा गांधी की कही ये पंक्तियां गणतंत्र के उत्सव पर भी बिल्कुल सटीक बैठती है। 26 जनवरी उत्सव है देश के गणतंत्र बनने का ...यह उत्सव है देश को संविधान मिलने का ...यह उत्सव है तिरंगे का ...यह उत्सव है राष्ट्रप्रेम का।

खुद में वह बदलाव लाएं , जो आप देखना चाहते है। महात्मा गांधी की कही ये पंक्तियां गणतंत्र के उत्सव पर भी बिल्कुल सटीक बैठती है। 26 जनवरी, उत्सव है देश के गणतंत्र बनने का …यह उत्सव है देश को संविधान मिलने का …यह उत्सव है तिरंगे का …यह उत्सव है राष्ट्रप्रेम का।

इस गणतंत्र दिवस पर आपके लिए आईये देखे अल्लू अर्जुन द्वारा निर्मित तथा सुकुमार द्वारा निर्देशित लघु फिल्म, ‘आय एम् दैट चेंज’, जिसे देखकर आपके मन में देशभक्ति का जज्बा जाग उठेगा। इसे देखने के बाद आप भी स्वयं को बदलना चाहेंगे और दूसरों को भी सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करेंगे। वंदे मातरम की धुन पर इस लघु फिल्म के छोटे-छोटे किरदार आपके दिल को छूकर निकल जाएंगे।

फिल्म हमें एक अच्छे नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वाहन के लिए जागरूक करती है, साथ ही हर नागरिक को अपने देश के लिए भी कुछ करने का जोश और जुनून पैदा करती है।

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फिल्म के पहले दृश्य में जहां एक ट्रैफिक पुलिस का जवान आपको अपने कर्तव्य की याद दिलाता है वहीं एक रईस एसयूवी चला रहा युवक इस देश के हजारों ऐसे लोगों की मानसिकता को दिखाता  है जो पैसे से कुछ भी खरीदना चाहते है लेकिन जीत कर्तव्य की होती है।

फिल्म के एक दूसरे दृश्य में एक मासूम बच्चे के किरदार से आपको प्यार हो जाएगा।

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इस बच्चे के किरदार और उसकी कहानी को हम सीधे स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ सकते है। यह बच्चा हमें वही सीख दे रहा है, जो हमारे प्रधानमंत्री का सपना है। स्वच्छता के लिए सिर्फ सरकार नहीं हमें भी अपने कर्तव्य निभाने होंगे।

फिल्म का तीसरा द्श्य हमें कुछ भी गलत न करने की सीख देता है

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चौथे द्श्य में वीआईपी कल्चर को दिखाया गया है।

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फिल्म अपने दूसरे भाग में वंदे मातरम की सुरीली और ओजस्वी बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ बदलाव की बयार को दिखाती है, जहां चारों दृश्य से जुड़े शख्स अपने में बदलाव लाते है, देश के लिए खुद को बदलते है और कहते है- ‘आई एम दैट चेन्ज’ यानी ‘मैं वह बदलाव हूँ’।

पूरे वीडियो में ये संदेश देने की कोशिश की गयी है कि जो बदलाव आप देखना चाहते है, उसकी शुरूआत स्वयं से करें।

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हर कोई आज बड़ी बेसब्री से पहले, दूसरों को बदलने का इंतजार कर रहा है और फिर खुद के परिवर्तन के बारे में सोच रहा है, ऐसा शायद इसलिए होता है कि हम अपने चश्मे से दुनिया को देखना पसंद करते हैं, इसलिए अधिकांश लोगों को सामने वाले से ही अपेक्षा रहती है।

ये गणतंत्र हमारा है, इस गणतंत्र के हम हिस्सेदार हैं तो फिर आईए हम बदलाव की शुरूआत स्वयं से करें । बस अपनी सोच बदलिए, उसी के साथ खुद को भी बदलिए , पूरी दुनिया को बदलने का रास्ता यहीं से शुरू होगा…हम बदलेंगे तभी तो देश बदलेगा। इस गणतंत्र दिवस आईये तिरंगे के सामने हम भी यह शपथ ले -आई एम द चेंज फॉर द बेटर इंडिया।
वन्दे मातरम !

All pic source – youtube

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